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Showing posts from December, 2018

आजादी के 70 साल बाद भी बाल मजदूर और भीख मांगता बचपन

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सवेरे सवेरे यारों से मिलने बन ठन के निकले हम सवेरे सवेरे यारों से मिलने घर से दूर चलें हम रोके से न रुके हम, मर्जी से चलें हम बादल सा गरजें हम, सावन सा बरसे हम  सूरज सा चमकें हम, स्कूल चलें हम। जी हाँ ये वही गाना है जिसे हम बचपन दूरदर्शन पर सुना करते थे, 2001 की  अटल बिहारी बाजपेई की सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान योजना लॉन्च की थी। उसी अभियान के तहत यह खूबसूरत गाना पूरे देश में चलाया गया। इस गाने में बच्चे सज धज के स्कूल की ओर भागते हैं, प्राइमरी स्कूलों की दीवालों पर सर्वशिक्षा अभियान, सब पढ़ें सब बढ़ें का लोगो बनाया गया।  इस लोगो में एक बालक और बालिका दिखते थे, पेंसिल पर बैठे हुए। वास्तव में काफी जारूकता भी लोगों में आई, साक्षरता भी  बढ़ी किन्तुु उस अभियान को भी देखते-देखते 18 वर्ष बीत चुके हैं। यह अभियान आज भी निरंतर चल रहा है किन्तु भारत के बचपन की एक दूसरी तस्वीर भी है।  जी हाँ आज भी भारत में बचपन की एक ऐसी भी तस्वीर है जहां बचपना पढ़ाई नहीं करता, जहां बचपना खेलता भी नहीं, जहां बच्चे का कोई भी पढ़ने-लिखने वाला दोस्त नहीं। जी हां देश में एक एसा बचपन...

संचार के मॉडल (COMMUNICATION MODEL)

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लाखों साल पहले जीव की उत्पत्ति के साथ ही संचार की शुरुआत मानी जाती है।हम कह सकते हैं कि आज मानव का जो विकसित रूप है वह बिना संचार के सम्भव न था।संचार की प्रक्रिया का अध्ययन एक विज्ञान है। संचार की प्रक्रिया और इससे जुड़े कई सिद्धांत की जानकारी हमें प्राचीन ग्रथों से मिलती है। लेकिन उन जानकारियों पर और अध्ययन की आवश्‍यकता है। अरस्तू की व्याख्या के आधार पर कुछ विद्वानों ने संचार के सबसे पुराने मॉडल को बनाने की कोशिश की है।संचार की प्रक्रिया को बताने वाला चित्र मॉडल कहलाता है। इन मॉडलों से हमें संचार की गतिशील और सक्रिय प्रक्रिया समझने में आसानी होती है। ये संचार के सिद्धांत और इसके तत्वों के बारे में भी बताते हैं। अरस्तू के अनुसार संचार की प्रक्रिया रेखीय है। रेखीय का अर्थ है एक सीधी लाईन में चलना। प्रेशक श्रोता को संदेश भेजता है जिससे उस पर एक प्रभाव उत्पन्न होता है। हर अवसर के लिए संदेश अलग-अलग होते हैं। अरस्तू के अनुसार संचार का मुख्य उद्देष्य है श्रोता पर प्रभाव उत्पन्न करना। इसके लिए प्रेषक विभिन्न अवसरों के अनुसार अपने संदेश बनाता है और उन्हें श्रोता तक पहुंचाता है जिससे कि उन...

निठल्ला युवा व्यस्तता भारी, जाने अनजाने में खुद से ही गद्दारी

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर ....जय हनुमान...जय हनुमान... हनुमान चालीसा जोर जोर से पढ़ा जा रहा था, भजन में मस्त था तभी पिछवाड़े पर एक लात पड़ा और बिस्तर से नीचे जा गिरा भक्त, सपने से जग गया। अबे कब से अलार्म बज रहा है! नहीं उठना रहता क्यों लगाता है दूसरे की भी नींद खराब करता है! कब से चिल्ला रहा है तेरा फोन कहकर किसी तरह मूत्रालय गया फिर दोनों घुस गए रजाई में। रजाई में ही धुँआ-धुँआ किए जा रहे लेकिन नींद है कि खुलने का नाम नहीं ले रही है। साला आज फिर क्लास छूट गया बुदबुदाते हुए अचानक दिव्य उठा और शौचालय की ओर जोर से भाग गया फिर एक जोर से आवाज आई और भक्त की भी आंख खुल गयी। 10:30 बज चुके थे। अबे जल्दी करके निकल आज फिर बहुत देर हो गई, 3 क्लास छूट गया! जा दूध ला चाय बनाता हूँ शौचालय से आवाज आई। दोनों के नित्य क्रिया होते चाय पीते 11:10 हो चुके थे और अब तो 12 वाली ही एक क्लास मिल सकती थी। पड़ोस के सहपाठी मिश्रा को फोन किया गया। भाई मैं गर्म पानी पी रहा हूँ, ठंडी में उतरती नहीं बिना पानी पिए! कहकर मिश्रा भी शौच को चल दिया। अतः ध्वनि मत से तीनों ने रात जल्दी सोने और कल कॉलेज जाने का नि...