भारतीय संस्कृति
#संस्कृति_सभ्यता
विभिन्न आक्रमण कारियों द्वारा भारत देश को गुलाम बनाये जाने के पश्चात भारत देश जब आजाद हुआ तो पूरा देश यह समझा कि अब हम पूर्ण रूप से आजाद हो चुके है किंतु सच तो यह है कि अब भी हम मानसिक रूप से उनके गुलाम है और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमने उनको तो अपने देश से खेद दिया किन्तु उनकी संस्कृति और सभ्यता को न छोड़ सके ।आज पाश्चात्य संस्कृति हम पर इतना हावी हो चुका है कि उसके समर्थन में लोग अपने देश की संस्कृति तक का विरोध कर देते हैं ।और जो मानसिक रूप से गुलाम हुआ वह निश्चित रूप से गुलाम होगा ,क्योंकि हमारी संस्कृति और सभ्यता ही हमारे एकता का सबसे बड़ा कारण है और जब हम अपने ही इतिहास, सभ्यता, संस्कृति में भेद निकालने लगे और पाश्चात्य सभ्यता को अपनाने लगे तो गुलामी तय है ।
विभिन्न आक्रमण कारियों द्वारा भारत देश को गुलाम बनाये जाने के पश्चात भारत देश जब आजाद हुआ तो पूरा देश यह समझा कि अब हम पूर्ण रूप से आजाद हो चुके है किंतु सच तो यह है कि अब भी हम मानसिक रूप से उनके गुलाम है और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमने उनको तो अपने देश से खेद दिया किन्तु उनकी संस्कृति और सभ्यता को न छोड़ सके ।आज पाश्चात्य संस्कृति हम पर इतना हावी हो चुका है कि उसके समर्थन में लोग अपने देश की संस्कृति तक का विरोध कर देते हैं ।और जो मानसिक रूप से गुलाम हुआ वह निश्चित रूप से गुलाम होगा ,क्योंकि हमारी संस्कृति और सभ्यता ही हमारे एकता का सबसे बड़ा कारण है और जब हम अपने ही इतिहास, सभ्यता, संस्कृति में भेद निकालने लगे और पाश्चात्य सभ्यता को अपनाने लगे तो गुलामी तय है ।
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