Sc/st act एक गंभीर विषय
देश की आजादी के बाद नीति निर्माताओं ने संविधान बनाते समय आने वाले भारत की स्थिति के बारे में गहन चिंतन,मनन के बाद अनेक नियमों कानूनों से संविधान को परिपूर्ण किया ।जिसके माध्यम से यह कल्पना की गयी की देश के हर तबके को अपना सर्वांगीण विकाश करने का अवसर मिलेगा।कोई अछूता न होगा,कोई नीच न होगा ,कोई स्त्री किसी किसी पुरुष द्वारा सताई न जाएगी ,कोई गरीब बिना खाये नहीं मरेगा,बच्चा बच्चा विद्यालय जाएगा देश का हर स्तर पर विकाश होगा और सबको बराबर न्याय मिलेगा ,कुलमिलाकर एक मजबूत /स्वस्थ/खुशहाल भारत का निर्माण होगा ।इसी संविधान में देश के हर नागरिक को बराबर का हक दिया गया और दबे, कुचले,पिछड़े लोगों के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान किया गया जिससे ये भी विकास की मुख्य धारा में आ सकें क्योंकि पूरा देश अपना समाज है और देश में कोई भी दुःखी रहेगा तो हमको दुःख होना चाहिए । संविधान बना सारे नियम कानून लागू किये गए किन्तु यह भारतीय लोकतंत्र/कानून की असफलता ही माना जाएगा कि 1955 के 'प्रोटेक्शन आफ सिविल राइट्स एक्ट' के बावजूद सालों तक दलितों पर होने वाले अत्याचार और अश्पृश्यता खत्म न हुई अतः ये देखते ह...